Saturday, August 15, 2020

मीठा खाकर पानी पीने की परम्परा, क्यों?

 हमारे पूर्वज बहुत ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण के थे। और इस बात को हमे मान ही लेना चाहिए। कयोंकि  हमारे पूर्वजों द्वारा कही गई  कहावत,उनके छोटे-छोटे नुस्खे सच माने तो विज्ञान के बहुत ही महत्वपूर्ण नियमों तथा लाभों के उदाहरण हैं। उन्हीं छोटे लेकिन सचमुच में कारगर तरीकों में से एक आज का विषय है। जैसा की हमने हमेशा सुना है देखा है तथा किया भी है  कि जब भी हम बाहर से अपने घर जाएं या कोई हमारे घर ही आए तो हम उसे पानी के साथ- साथ कुछ मीठा खाने को भी देते हैं। सोचने वाली बात तो यह है कि एसा क्यों ? क्या सिर्फ पानी पीने से से प्यास नहीं बुझती या हमें कोई अच्छी नमकिन ही दे दी जाए पानी के साथ, परन्तु हमें  हमेशा से मीठी चीज ही मिलती है। अगर हम गंभीर हो कर देखें तो इस परम्परा के पीछे भी हमें विज्ञान का ही नियम दिखेगा। और तब हमें अपनी माँ पर गर्व होगा कि वो हमें सादा पानी पीने तथा पिलाने पर डांटती है।

       इस परम्परा के पीछे जो विज्ञान है आइये अब उसे देखते हैं।अगर हम ध्यान दें  तो पानी चीनी के साथ घुल कर हमें ग्लूकोज देता है। अब सवाल ये भी हो सकता है कि ग्लूकोज तो मीठा नही होता फिर चीनी मीठी क्यों?  तो इसका उतर यह होगा की चीनी जब पानी में घुलती है तो ग्लूकोज के साथ साथ फ्रक्टोज भी बनता है जो चीनी के मीठेपन का कारण है। इस बात को और अच्छे से समझने के लिए हम रसायनिक बदलाव को रसायन की भाषा में देखते हैं:-

उपर लिखे समीकरण से हमने देखा की हमारे पूर्वज विज्ञान की कितनी अच्छी समझ रखते हैं। 

अब एक सवाल जो आपके दिमाग में आया होगा कि समीकरण में एक ही समान रासायनिक सुत्र का अलग अलग नाम क्यों? इसका कारण रसायनिक संरचना है। दोनों की रसायनिक संरचना में भिन्नता  नीचे चित्र में देखी जा सकती है। 

Note:- when sugar mixed with water is not a chemical reaction. 

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Shivam kumar ojha

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2 comments:

  1. Really this topic is helpful for increasing our thoughts..😊

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  2. thank you for this knowledge 😊

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If you have any doubt or feedback or a whol new topic for me. please comment or mail me. Thankyou